पाकिस्तान सरकार ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने ऐलान किया। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से जबरन कब्जा किए गए भारतीय भूभाग में किसी भी बदलाव को भारत खारिज करता है। ये हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
गिलगित-बाल्टिस्तान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है। पाकिस्तान इन क्षेत्रों का दर्जा बदलने की बजाय अवैध कब्जे को तुरंत खाली करे।
Please see our statement on Pakistan Government’s decision to accord “provisional provincial status” to the so-called “Gilgit-Baltistan” : pic.twitter.com/8XzPT0aSFH
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) November 1, 2020
1947 में पूर्ण विलय हुआ था
अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”1947 में जम्मू-कश्मीर का भारत संघ में पूर्व विलय हो गया था। यह पूरी तरह से वैध था। इस वजह से पाकिस्तान सरकार जबरन कब्जा किए गए इलाकों पर इस तरह से बदलाव नहीं कर सकती है। पाकिस्तान 7 दशक से इन इलाकों में अवैध कब्जा करके यहां के लोगों को प्रताड़ित कर रहा है। मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। ये ठीक नहीं है।”
गिलगित-बाल्टिस्तान में शुरू हुआ विरोध
पाकिस्तान की सरकार की ओर से अस्थायी प्रांत का दर्जा देने का ऐलान होते ही गिलगित-बाल्टिस्तान में बवाल शुरू हो गया। सैकड़ों की संख्या में लोग इमरान खान के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। लोगों ने इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने कहा कि वे जान दे देंगे, लेकिन पाकिस्तान के साथ कभी नहीं जाएंगे।
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पाकिस्तान सरकार ने रविवार को गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने ऐलान किया। इस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से जबरन कब्जा किए गए भारतीय भूभाग में किसी भी बदलाव को भारत खारिज करता है। ये हरकत बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गिलगित-बाल्टिस्तान, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न हिस्सा है। पाकिस्तान इन क्षेत्रों का दर्जा बदलने की बजाय अवैध कब्जे को तुरंत खाली करे। Please see our statement on Pakistan Government’s decision to accord “provisional provincial status” to the so-called “Gilgit-Baltistan” : pic.twitter.com/8XzPT0aSFH — Anurag Srivastava (@MEAIndia) November 1, 20201947 में पूर्ण विलय हुआ था अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, ”1947 में जम्मू-कश्मीर का भारत संघ में पूर्व विलय हो गया था। यह पूरी तरह से वैध था। इस वजह से पाकिस्तान सरकार जबरन कब्जा किए गए इलाकों पर इस तरह से बदलाव नहीं कर सकती है। पाकिस्तान 7 दशक से इन इलाकों में अवैध कब्जा करके यहां के लोगों को प्रताड़ित कर रहा है। मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है। ये ठीक नहीं है।” गिलगित-बाल्टिस्तान में शुरू हुआ विरोध पाकिस्तान की सरकार की ओर से अस्थायी प्रांत का दर्जा देने का ऐलान होते ही गिलगित-बाल्टिस्तान में बवाल शुरू हो गया। सैकड़ों की संख्या में लोग इमरान खान के इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतर आए। लोगों ने इमरान खान के खिलाफ नारेबाजी की। लोगों ने कहा कि वे जान दे देंगे, लेकिन पाकिस्तान के साथ कभी नहीं जाएंगे। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
भारत सरकार ने गिलगित-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने के पाकिस्तान सरकार के फैसले का विरोध किया है।Read More