नए संसद भवन के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए। कोर्ट ने केंद्र से सिर्फ 5 मिनट में जवाब देने को कहा।
इस पर सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को भरोसा दिया कि कंस्ट्रक्शन या तोड़-फोड़ नहीं की जाएगी। इसके बाद कोर्ट ने भूमि पूजन की इजाजत दे दी।
पिटीशनर्स के 3 दावे
- प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी गलत तरीके से दी गई।
- कंसल्टेंट चुनने में भेदभाव किया गया।
- जमीन के इस्तेमाल में बदलाव की मंजूरी गलत तरीके से दी गई।
सेंट्रल विस्टा का भूमि पूजन 10 दिसंबर को मोदी करेंगे
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने शनिवार को ही यह जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे दिल्ली में संसद भवन की नई बिल्डिंग का भूमि पूजन करेंगे। बिड़ला ने कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सेशन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने बताया कि नए भवन में लोकसभा सांसदों के लिए लगभग 888 और राज्यसभा सांसदों के लिए 326 से ज्यादा सीटें होंगी। पार्लियामेंट हॉल में 1,224 सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे।
सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान
- सरकार ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतें बनाने के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार किया है।
- इसी इलाके में सेंट्रल सेक्रेटरिएट के लिए 10 बिल्डिंग बनाई जाएंगी। राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा।
- सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक, पुराने संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा।
- इसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा। यह इमारत 13 एकड़ जमीन पर तैयार होगी।
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नए संसद भवन के सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तरीके पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए। कोर्ट ने केंद्र से सिर्फ 5 मिनट में जवाब देने को कहा। इस पर सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को भरोसा दिया कि कंस्ट्रक्शन या तोड़-फोड़ नहीं की जाएगी। इसके बाद कोर्ट ने भूमि पूजन की इजाजत दे दी। पिटीशनर्स के 3 दावे प्रोजेक्ट के लिए पर्यावरण मंजूरी गलत तरीके से दी गई।कंसल्टेंट चुनने में भेदभाव किया गया।जमीन के इस्तेमाल में बदलाव की मंजूरी गलत तरीके से दी गई। सेंट्रल विस्टा का भूमि पूजन 10 दिसंबर को मोदी करेंगे लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने शनिवार को ही यह जानकारी दी थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 दिसंबर को दोपहर 1 बजे दिल्ली में संसद भवन की नई बिल्डिंग का भूमि पूजन करेंगे। बिड़ला ने कहा था कि 2022 में देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर हम नए संसद भवन में दोनों सदनों के सेशन की शुरुआत करेंगे। उन्होंने बताया कि नए भवन में लोकसभा सांसदों के लिए लगभग 888 और राज्यसभा सांसदों के लिए 326 से ज्यादा सीटें होंगी। पार्लियामेंट हॉल में 1,224 सदस्य एक साथ बैठ सकेंगे। सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान सरकार ने राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट के बीच नई इमारतें बनाने के लिए सेंट्रल विस्टा का मास्टर प्लान तैयार किया है।इसी इलाके में सेंट्रल सेक्रेटरिएट के लिए 10 बिल्डिंग बनाई जाएंगी। राष्ट्रपति भवन, मौजूदा संसद भवन, इंडिया गेट और राष्ट्रीय अभिलेखागार की इमारत को वैसा ही रखा जाएगा।सेंट्रल विस्टा के मास्टर प्लान के मुताबिक, पुराने संसद भवन के सामने गांधीजी की प्रतिमा के पीछे नया तिकोना संसद भवन बनेगा।इसमें लोकसभा और राज्यसभा के लिए एक-एक इमारत होगी, लेकिन सेंट्रल हॉल नहीं बनेगा। यह इमारत 13 एकड़ जमीन पर तैयार होगी। आज की ताज़ा ख़बरें पढ़ने के लिए दैनिक भास्कर ऍप डाउनलोड करें
Supreme Court observes it will not allow construction or demolition till its decision on pending pleas opposing Central Vista projectRead More